पेड़ो के संरक्षण की लापरवाही पर एनजीटी ने लिया कडा संज्ञान
क्रयास संस्था की शिकायत पर डी सी मंडी को जारी किए आदेश
पेड़ो के तनो को कंक्रीट के जंजाल करना होगा मुक्त
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दिल्ली (एनजीटी) नेशनल ग्रीन ट्रव्यूनल ने हरे और बडे बडे पेड़ो के संरक्षण में प्रशासन की लापरवाही पर क्रयास संस्था की मिली शिकायत पर कडा संज्ञान लिया है। दिल्ली में एनजीटी डीसी मंडी को कार्रवाई करने का फैसला सुना और संुदरनगर शहर के दायरे सहित मंडी जिले में पेड़ो के तनो को कंक्रीट के जंजाल से मुक्त करने के आदेश किए है। एनजीटी डीसी मंडी को ईमेल के जरिए से आदेश भेजे है।
सुंदरनगर की एनजीओ क्रयास ट्रस्ट के सचिव अधिवक्ता आशीष शर्मा, धर्मेश शर्मा और अनुज सोनी ने पत्रकारों को संबोधित किया है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश मेें विभिन्न जगहों पर विकास की गाथा लिखी गई और इस चक्कर में निर्माण के दौरान बडे बडे पेडों के साथ कंक्रीट से जडों को भी जिस तरह से कवर किया गया है। उससे पेडों की जडे सड गल कर खोखली हो जाएंगी और पेड कभी गिर कर क्षतिग्रस्त हो जाएंगे। इस समस्या को लेकर एनजीओ क्रयास ट्रस्ट का गठन किया और दो साल से संबंधित विभागों सहित जिली प्रशासन से कार्रवाई की मांग की गई है। लेकिन कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। जिसके चलते एनजीओ क्रयास ट्रस्ट ने दिल्ली (एनजीटी) नेशनल ग्रीन ट्रव्यूनल से गुहार लगाई।
बता दें कि सुंदरनगर की एनजीओ क्रयास ट्रस्ट की शिकायत पर एन.जी.टी नई दिल्ली ने संज्ञान लेते हुए उपायुक्त मण्डी सहित जिला वन अधिकारी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए है।
पेड़ों के तनो के एक मीटर दायरे से कंक्रीट हटाने के आदेश जारी किए है और जहा तंग रास्ते, गलियां है वहा भी पेड़ के इर्द गिर्द एक वर्ग मीटर क्षेत्र खाली होना चहिए और इसे अच्छी मिट्टी से भरा जाना चाहिए और इनकी देख रेख सबंधित नगर परिषद को सुनिश्चित करनी होगी। जो पेड़ कंक्रीट की वजह से मृत हो गए है उनकी जगह नए पेड़ लगाने होने। यह सब कुछ सुनिश्चित करने के लिए सभी सबंधित सदस्यो की संयुक्त कमेटी बनाए जानें के निर्देश दिए है।
जस्टिस सुधीर अग्रवाल न्यायिक सदस्य व एसोसिएट प्रोफेसर सेंथिल वेल, विशेषज्ञ सदस्य की खंडपीठ ने उक्त शिकायत को एनजीटी की धारा 14 व 15 के अंतर्गत रजिस्टर्ड कर कार्यवाही अमल में लाए जानें के लिए दो माह का समय दिया है। शिकायत कर्ता धर्मेश शर्मा, अधिवक्ता आशीष शर्मा निवासी सलाह व अनुज सोनी का कहना है कि सड़कों के किनारे व अन्य स्थानों पर मौजूद पेडों के इर्दगिर्द टाइल, कक्रिट व तारकोल से ढक दिया गया है। जिससे पेडों की जड़ों को नुकसान पहुंचता है और जड़े कमजोर हो जाने से पेड़ो के टूटने का खतरा रहता है।
वही मामले में मोहाली सैक्टर 9 में मार्च 2019 में हुई एक ऐसी घटना को भी आधार बनाया गया। जिसमें इसी वजह से एक पेड़ टूटा था और एक 16 वर्षीय बच्चे को जान गंवानी पड़ी थी। सुन्दरनगर व अन्य स्थानों पर भी कंक्रिट से पेड़ों के तनो को ढका गया है।
क्रयास एनजीओ के पदाधिकारियों ने कहा कि फिलहाल यह कार्रवाई मंडी जिले में अमल में लाई जा रही है। लेकिन प्रदेश के दूसरे जिलों में भी ऐसे मामलों में सरकार से मांग की है कि उक्त फैसले को सभी जिलों में लागू किया जाए।
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