Female Group Success Story: महिलाओं को कैसे आत्मनिर्भर बना रही सरकार की योजनाएं ?

Female Group Success Story: महिलाओं को कैसे आत्मनिर्भर बना रही सरकार की योजनाएं ?

Female Group Success Story: महिलाओं को कैसे आत्मनिर्भर बना रही सरकार की योजनाएं ?
Female Group Success Story: महिलाओं को कैसे आत्मनिर्भर बना रही सरकार की योजनाएं ?

हिमाचल टूडे न्यूज। पधर.मंडी। 

हिमाचल प्रदेश की महिलाओं को सरकार की योजनाएं आत्मनिर्भर बना रही है। अब मंडी जिले के पधर की ग्राम पंचायत डलाह के कोठी गांव की महिलाओं यह कर दिखाया है। महिलाओं ने वेस्ट से बैस्ट तैयार कर अपनाई आत्मनिर्भरता की राह तय की है और बता दिया कि महिलाएं मेहनतकश और पढ़ी-लिखी भी हैं। प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वरोजगार से संबंधित योजनाओं से लाभ प्राप्त कर वे आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनने की राह पर अग्रसर हैं। महिलाएं वेस्ट से बेस्ट तैयार कर स्वावलंबन की नई इबारत लिख रही हैं।

बांस से बनीं टोकरी, किरडु बना रही समूह की महिलाएं

स्वयं सहायता समूह के रूप में संगठित यह महिलाएं आचार, बांस से बनीं टोकरी, किरडु के साथ ही आजकल राखी के त्यौहार में घर के वेस्ट मैटेरियल से राखी बनाने का काम कर रही हैं।

2011 में 9 महिला सदस्यों ने किया समूह का गठन 

समूह की सदस्य अंजली कुमारी, कामेश्वरी और कुसमा कहती हैं कि उन्होंने 2011 में समूह का गठन किया, जिसमें 9 सदस्य हैं। पहले वह केवल बचत ही करती थीं, लेकिन बाद में प्रदेश सरकार की तरफ से उन्हें 15 हजार रूपए का रिवाल्विंग फंड मिला और 2500 रूपए स्टार्टअप फंड भी मिला। इसके बाद ग्रुप की महिलाओं ने आय बढ़ाने के लिए छोटे-छोटे कार्य शुरू किए। समूह की महिलाओं ने मिलकर बांस से बने उत्पाद जैसे टोकरी, किरडु तथा खाने के लिए बड़ियां व अचार का उत्पादन शुरू किया।

भाइयों के हाथों में सजी लक्की स्वयं सहायता समूह की राखियां 

राखी के त्यौहार के लिए घर के वेस्ट मैटीरियल से राखी बनाई गई जो भाईयों के हाथों में सजी हैं। इन्हे पधर में द्रंग ब्लॉक की तरफ से दी गई हिम ईरा शॉप में बिक्री किया गया है। आज (पधर) द्रंग ब्लॉक में राखी का स्टाल भी लगाए गए। जिनमें बेहतर कारोबार हुआ है।  

उत्पादों से हो रही लगभग सालाना एक लाख रुपए की आमदनी

वह कहती हैं कि इन सभी उत्पादों से उन्हें सालाना लगभग 1 लाख रुपए तक की आमदनी हो जाती है जिससे वह आत्मनिर्भर हो रही हैं। इसके लिए वह प्रदेश सरकार का धन्यवाद करती हैं जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर सहायता प्रदान कर रही है।

स्वयं समूहों के जरिए आत्मनिर्भर हो रही महिलाएं 

खंड विकास अधिकारी विनय चौहान ने कहा कि द्रंग ब्लॉक में 613 स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं जिन्हें सरकार की तरफ से 15 हजार रूपए रिवाल्विंग फंड और 2500 रुपए स्टार्टअप फंड मिला है। सभी महिलाएं स्वयं समूहों के जरिए आत्मनिर्भर हो रही हैं।

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