Six Congress MLA disqualify: हिमाचल की राजनीति में पहली बार 6 विधायक अयोग्य घोषित
Himachal Pradesh Political Crisis : हिमाचल प्रदेश में सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों को ब्रेकफास्ट दिया। विक्रमादित्य सिंह शामिल नहीं हुए। Six congress MLA disqualify 6 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
कांग्रेस के पास बहुमत होता तो विधानसभा में नहीं होता मत विभाजन: जयराम
हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि देवभूमि हिमाचल जैसे राज्य में कैसे राजनीतिक विकास हुआ है। यदि कांग्रेस के पास बहुमत था तो विधानसभा में वित्तीय विधेयक पर हमने जो मत विभाजन मांगा था वह क्यों नहीं दिया गया।
सुक्खू ने कहा कि मेरे इस्तीफे की साजिश रची गई
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के बाद जो हुआ उससे कई अटकलें लगाई जा रही हैं कि हिमाचल प्रदेश सरकार गिरने वाली है। मेरे खुद के इस्तीफे की खबर मेरे पास आई, ये खबर एक साजिश के तहत फैलाई जा रही थी ताकि वोटिंग के वक्त हमारी संख्या कम हो जाए। उन्होंने पूछा कि बीजेपी किस बहुमत की बात कर रही ह। 15 विधायकों ने मार्शल के साथ बदसलूकी की । जिसके लिए उन्हें निष्कासित कर दिया गया था। 9 विधायक थे. उसे किसी ने नहीं निकाला था। तो वे अंदर क्यों नहीं आए? हमने ईमानदारी से सरकार चलाई है। हिमाचल प्रदेश में हमारी सरकार जरूर चलेगी।
सब कुछ ठीक हो गया हैः डीके शिवकुमार
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार ने कहा कि राज्य में सब कुछ ठीक है, राज्य सरकार पांच साल तक सत्ता में रहेगी। एक-एक कर सभी विधायकों से बात की गई है। पूरी पार्टी एकजुट है। उन्होंने कहा कि बातचीत से सभी मुद्दे सुलझा लिये गये हैं।
कांग्रेस विधायकों की बैठक के बाद मुख्यमंत्री आवास पहुंचे मंत्री विक्रमादित्य सिंह और प्रतिभा सिंह
कांग्रेस विधायकों की बैठक के बाद मंत्री विक्रमादित्य सिंह और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सरकारी आवास पर पहुंचे हैं। इससे पहले दोनों ने होटल जाकर पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार और भूपेश बघेल से मुलाकात की। सीएम द्वारा विधायकों और मंत्रियों को दिए गए सुबह के नाश्ते के दौरान विक्रमादित्य सिंह मौजूद नहीं थे. मुख्यमंत्री आवास पर विधानसभा अध्यक्ष के अलावा मुख्यमंत्री समेत सभी 33 कांग्रेस विधायक मौजूद थे।
मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे सुखविंदर सुक्खू
कांग्रेस पार्टी के पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार और भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सुखविंदर सुक्खू मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। कांग्रेस सरकार पांच साल तक चलेगी।
सरकार और संगठन के बीच समन्वय के लिए 6 सदस्यीय समन्वय समिति बनाई जाएगी। इसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री समेत अन्य सदस्य शामिल होंगे। लोकसभा चुनाव जीतने के लिए पार्टी एकजुट होकर काम करेगी। पर्यवेक्षकों ने कहा कि मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम सुखविंद्र सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मंत्री विक्रमादित्य सिंह, प्रतिभा सिंह और अन्य मंत्री भी मौजूद रहे। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पार्टी को राज्यसभा चुनाव में सीट गंवाने का अफसोस है। इसको लेकर पार्टी विधायकों से बातचीत की गई है और सहमति बन गई है। सभी विधायक एकजुट हैं।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा, पार्टी में सब कुछ ठीक है। सरकार पूरी तरह से स्थिर है। डीके शिवकुमार विक्रमादित्य सिंह और प्रतिभा सिंह के साथ ओक ओवर पहुंचे।
कांग्रेस के एक और ‘राजकुमार‘ ने कर दी बगावत
कांग्रेस के एक और ‘राजकुमार‘ ने बगावत कर दी है। हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया है।
अपना इस्तीफा देते हुए उन्होंने प्रदेश सरकार पर अपने पिता वीरभद्र सिंह की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर अपनी और युवाओं की उपेक्षा का भी आरोप लगाया है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के समय ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और वीरभद्र सिंह परिवार के बीच की दूरी साफ दिख गई थी।
प्रतिभा सिंह खुद बनना चाहती थीं
सीएम
विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं।विक्रमादित्य सिंह की माँ प्रतिभा सिंह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष हैं। कहा जाता है कि प्रतिभा सिंह खुद सीएम बनना चाहती थीं।
लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आलाकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम बनाया था। विक्रमादित्य सिंह सुक्खू सरकार में लोक निर्माण और शहरी विकास मंत्री थे। वहीं, उनकी माँ प्रतिभा सिंह हिमाचल प्रदेश के मंडी से लोकसभा सांसद हैं।
बुधवार को विक्रमादित्य सिंह मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल की जनता ने कांग्रेस को बहुमत दिया था और हम इसे संभाल नहीं पा रहे है। लेकिन हमें इसकी पृष्ठभूमि में जाना होगा। जिन परिस्थितियों में कांग्रेस की सरकार बनी, उसके बारे में चार्चा करते हुए उन्होंने कहा कि
‘‘2022 में जब हिमाचल में विधानसभा चुनाव हुआ तो सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया। पूरे कैंपेन में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नाम का इस्तेमाल किया गया।‘‘
विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ‘‘ऐसी कोई होर्डिंग नहीं थी, जिस पर वीरभद्र सिंह की तस्वीर नहीं थी। मतदान से एक दिन पहले पार्टी की तरफ से अखबारों में विज्ञापन दिया गया और वीरभद्र सिंह की तस्वीर के साथ कहा गया कि उन्हें याद रखना. जिन्होंने हमें समर्थन दिया, उनके प्रति मेरी जवाबदेही है।‘‘
‘‘मेरे लिए यह भरोसा ज्यादा बड़ा है न कि पद। लेकिन पिछले एक साल में विधायकों की अनदेखी हुई है। विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश की गई है। लगातार इन विषयों को पार्टी हाईकमान के सामने उठाया गया है लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया. इसी का नतीजा है कि हम यहाँ पहुँच गए हैं।‘‘
प्रदेश में ओल्ड पेंशन बहाली और सेब के दाम में वृद्धि भी बनी कारण
यह भी कहा जा रहा है। कि हिमाचल में पेश किए गए बजट में सेब के दाम और सीमेंट के थेले के कर में की गई वृ़िद्ध और प्रदेश में ओल्ड पेंशन बहाली करने के सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार दिल्ली में अडानी के लेगों का नागवार गुजरा है। जिसका खमियाला कांग्रेस सरकार को भुगतना पडा है।
उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश एकमात्र राज्य है। जहाँ कांग्रेस की सरकार है लेकिन यहां भी भाजपा कांग्रेस की सरकार को हटाना चाहती है।