Himachal Crisis: थमा नहीं हिमाचल में सरकार पर संकट
कैबिनेट बैठक के बाद Delhi रवाना हुए मंत्री विक्रमादित्य
हिमाचल में सरकार पर गहराए संकट के बीच कांग्रेस पर्यवेक्षकों डीके शिवकुमार, भूपेश बघेल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरुवार की शाम जंरप बयान में कहा कि कि सभी मतभेद दूर कर लिए गए हैं। एक 6 सदस्यों की कमेटी बनाई गई जो सरकार और संगठन के बीच समन्यवय बनाने का काम करेगी। हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यसभा चुनाव की हार पर दुख जताया था। इससे लगा जैसे 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव से शुरू हुई सियासी घमासान अब थम गया। लेकिन असल में ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है।
पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह के उखडे तेवर
पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह के तेवर से लगता है कि इस घमासान का दौर अभी जारी है। विक्रमादित्य के एक दिन पहले ही दिए बयान में कहा था कि मेरे साथ भगवान श्री राम का आशीर्वाद है, कोई दिक्कत नहीं है। शाम को जब पर्यवेक्षकों ने यहां सब सामान्य होने की घोषणा की, उसके कुछ ही देर बाद सुक्खू कैबिनेट की बैठक बुलाई गई।
प्रतिभा सिंह ने कहा भाजपा की कार्यप्रणाली कांग्रेस से बेहतर
प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने बड़ा बयान दिया है। प्रतिभा सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि भाजपा की कार्यप्रणाली कांग्रेस से बेहतर है। उन्होंने कहा कि सता-सगंठन में तालमेल होना चाहिए। अगर मेरी बात को सीरियस लिया गया होता तो में दावे के साथ कह सकती हूं कि ये हालात ना होते।
प्रतिभा सिंह ने कहा कि सोनिया गांधी, खड़गे, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के सामने से अपनी बात रखी थी और कहा था कि प्लीज मैटर देखें, समस्या का समाधान करें, लेकिन कोई पहल नहीं हुई। आज इसी वजह से ये हालात पैदा हुए हैं. प्रतिभा कहती हैं कि राज्यसभा चुनाव ना जीतने का दुख है।अब दूसरी चुनौती लोकसभा इलेक्शन है। सुधार नहीं आया तो एक संकट और खड़ा हो सकता है।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि विधायकों के निष्कासन पर जल्दबाजी की गई है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को इसका नुकसान हो सकता है। गुरुवार सुबह अपने निजी आवास हॉली लॉज में मीडिया से बातचीत में प्रतिभा सिंह ने कहा कि इन छह विधायकों का नाराज होना जायज है। उन्हें बैठाकर उनकी बात को सुना जाना चाहिए था।
बहुमत नहीं होने के बावजूद भी भाजपा राज्य सभा सीट जीतने में सफल
सियासी घमासान में बहुमत नहीं होने के बावजूद भी भाजपा राज्य सभा सीट जीतने में सफल हो गई है और कांग्रेस के 6 विधायकों को ठिकाने लगा दिया गया। कांग्रेस ने फिलहाल बजट पास करनेे में सफलता हासिल की है। माना जा रहा था कि पर्यवेक्षकों ने हालात सुधारने के हुई तमाम कवायद के बाद जिस तरह के दावे किए हैं। इस कैबिनेट बैठक में जिस संदेश को देने का प्रयास किया, वह हुआ नहीं है।
विक्रमादित्य का इस्तीफा वापस लेने से इनकार
बैठक के बीच में ही मंत्री विक्रमादित्य दिल्ली के लिए निकल लिए। विक्रमादित्य ने इस्तीफा वापस लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने यह जरूर कहा है कि वह इसे स्वीकार करने को लेकर किसी तरह का दबाव नहीं बनाएंगे।
बैठक के बाद सुक्खू सरकार के मंत्री विक्रमादित्य अचानक ही चंडीगढ़ रवाना हो गए। जहाँ उन्होंने उन 6 बागी विधायकों से मुलाकात की है। जिनको विधानसभा स्पीकर ने सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया था। आयोग्य घोषित विधायकों से भेंट का सही पता नहीं चल पाया है और इसे लेकर कोई जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
भाजपा सुक्खू सरकार के खिलाफ दबाव बनाने में सफल है और इसके लिए विधायकों और मंत्रियों की जोड तोड जारी है।