Protest in Ladakh:मोदी की सरकार ने 370 हटाने के लिए किए गए वादों को लेकर लद्दाख में आंदोलन
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा धारा 370 हटाने के वादों के झांसे में आया लद्दाख भड़क गया है। अब तक लद्दाख से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए हैं, जिसके कारण लद्दाख वासियों ने कोने-कोने से आकर सड़कों पर उतरना शुरू कर दिया है।
Ladakh:6 मार्च से सोनम वांगचुक की 21 दिन की भूख हड़ताल से लद्दाखियों का आंदोलन
6 मार्च से सोनम वांगचुक की 21 दिन की भूख हड़ताल से लद्दाखियों का आंदोलन शुरू हो गया है। जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सरकार द्वारा लद्दाख को दिखाए गए सुनहरे सपनों की हकीकत सामने आ गई है। वादे पूरे नहीं किए गए लद्दाख वासियों को स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। लोग हैरान हैं और लद्दाख के दर्द को देश की जनता तक दिखाने भी नहीं दिया जा रहा है।
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Ladakh: संविधान के अनुसूची 6 को जारी नहीं किया गया
केंद्र ने लद्दाख को मिलने वाला विशेष दर्जा भी छीन लिया है, और बदले में न तो संविधान के अनुसूची 6 को जारी किया गया है और न ही पूर्ण राज्य का दर्जा देने सहित अन्य वादे इतने लंबे अंतराल में पूरे किए गए हैं। लद्दाखी वासियों को मोदी ने झूठे जुमलों में छल लिया है।
जम्मू और कश्मीर के हालातों में नहीं हो पाया सुधार
नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की सरकार जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाने को लेकर अपनी पीठ थपथपाती नहीं थकती है। लेकिन जम्मू और कश्मीर के हालातों में ना तो सुधार हो पाया है और लद्दाख से छीने गए विशेष दर्जे के कारण इन इलाकों की हालत भी खराब होती नजर आ रही है।
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अब सवाल उठ रहा है कि लोकसभा के वर्तमान चुनावों में लद्दाखी जनता उनके साथ किए गए धोखे को लेकर सबक सिखाने के लिए मन बनाती नजर आ रही है। सोनम वांगचुक के नेतृत्व में जारी धरने और प्रदर्शन से पूरी तरह साफ हो गई है। खास बात यह है कि 6 मार्च से शुरू हुए इस प्रदर्शन, धरने, और भूख हड़ताल को लेकर देश और दुनिया के लोगों को देखने की भी कोई इजाजत नहीं दी जा रही है।
Ladakhलद्दाख के मुद्दों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनाया
सोनम वांगचुक के नेतृत्व में आयोजित धरना-प्रदर्शन से लद्दाख के नागरिकों का स्थिति व्यक्तिगत रूप से सामने आ रहा है। इस आंदोलन ने लद्दाख के मुद्दों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनाया है।
The removal of Article 370 by the Modi government has sparked protests in Ladakh, as promises made to the region are seen as hollow. The promises made to Ladakh have not been fulfilled yet, leading to dissatisfaction among its residents. A protest led by Sonam Wangchuk began on March 6 with a 21-day hunger strike, marking the start of unrest among Ladakhis.
Schedule 6 of the Constitution not implemented
While Prime Minister Narendra Modi and Home Minister Amit Shah’s government promised to remove Article 370 from Jammu and Kashmir, the golden dreams shown to Ladakh have not materialized. Ladakhis feel deceived and their pain is not being acknowledged by the public. The special status granted to Ladakh was revoked by the government, but in return, neither was Schedule 6 of the Constitution implemented nor were other promises of granting full statehood fulfilled in such a long time.
Ladakhis feel that Modi has deceived them with false promises. The government led by Narendra Modi, despite its efforts to remove Article 370 from Jammu and Kashmir, has not been able to improve the situation there. Similarly, due to the revocation of the special status, the conditions in these regions are deteriorating. Now, questions are being raised as to whether the Ladakhi people will remember the betrayal they faced during the current Lok Sabha elections.
The protests led by Sonam Wangchuk have made it clear that the grievances of Ladakhis are coming to the forefront. It is noteworthy that the ongoing protests, hunger strikes, and demonstrations initiated since March 6 are not being brought to the attention of the people of the country and the world.