Breaking-News: जबलपुर में तैनात बस्सी धारंडा के सुबेदार का ब्रेन हेमरेज होने से निधन

Breaking-News: जबलपुर में तैनात बस्सी धारंडा के सुबेदार का ब्रेन हेमरेज होने से निधन

Breaking-News: जबलपुर में तैनात बस्सी धारंडा के सुबेदार का ब्रेन हेमरेज होने से निधन
जबलपुर में तैनात बस्सी धारंडा के सुबेदार का ब्रेन हेमरेज होने से निधन

सुंदरनगर। जबलपुर में ड्यूटी पर तैनात मंडी जिले के सुंदरनगर के धांरडा निवासी आर्मी के सुबेदार का ब्रेन हेमरेज होने के कारण निधन हो गया। 4 माह में उनकी सेवानवृति होनी थी। उनका दो दिन तक आर्मी अस्पताल में इलाज चला और चिकित्सक उन्हें बचा नहीं पाए। शुक्रवार को उनके पार्थिव शरीर को पेतृक गांव बस्सी धारंडा में लाया गया और सेना के जवानों ने सैनिक सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी। सूचना मिलते ही रिश्तेदार और आसपास के गांव के लोगों का जनसैलाब उमड़ गया।

17 वर्ष की पलवी बडी बेटी पलवी ने मुखाग्नि दी

ग्रामीणों ने बताया कि गांव धारंडा निवासी हरीश कुमार (45) पुत्र काशी राम की आर्मी में जबलपुर, में 23 गर्नेडियर में बतौर सूबेदार के रूप में नियुक्त थे। जहां दो दिन पहले ही नहाते समय अटेक हुआ था। जिसमें उन्हे ब्रेन हेमरेज हो गया, आर्मी अस्पताल में मौत इलाज चल रहा था। लेकिन चिकित्सक उन्हे बचा नहीं पाए और सैनिक की मौत हो गई। उनका पार्थिव शरीर संुदरनगर में उनके गांव बस्सी धारंडा लाया गया, जहां सैनिक सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई और उनकी 17 वर्ष की पलवी बडी बेटी पलवी ने मुखाग्नि दी। संुदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार इंद्र देव और थाना प्रभारी नानक चंद भी शामिल हुए। सैनिक की पत्नि अंजली के साथ दो बेटिया, बेटा कृष्ण और माता पीछे छोड गए है।

यह भी संयोग है कि. ब्रेन हेमरेज से ही सेना के एक और जवान की मौत की अन्य घटना भी हैरान करती है।

यह भी संयोग है कि. ब्रेन हेमरेज से ही सेना के एक और जवान की मौत की अन्य घटना भी हैरान करती है। जहां ग्राम जैतपुरा निवासी सेना के जवान रामनिवास यादव (46) की ब्रेन हेमरेज से अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। उनका पार्थिव शरीर गुरुवार की सुबह छह बजे गांव लाया गया। जागरण समाचार के अनुसार, करंडा (गाजीपुर) ग्राम जैतपुरा निवासी सेना के जवान रामनिवास यादव (46) की ब्रेन हेमरेज से अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। उनका पार्थिव शरीर गुरुवार की सुबह छह बजे गांव लाया गया। सैनिक सम्मान के साथ गंगा तट पर उन्हें अंतिम विदाई दी गई।

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