Devta-Darshan: नालनी में सतबाडा देव के प्रकाटोत्सव पर जारगरण आज : 16 को भंडारा
सुंदरनगर, 15 जुलाई। सोमवार को प्रसिद्ध श्री सत बाडा देव जी के मूल स्थान सुंदरनगर उपमंडल के नालनी में देवता जी के प्रकटोत्सव पर जागरण मनाया जाएगा। इस बार विशाल जागरण में गायक ईशात भारद्वाज, सुभाष राणा और सपना गुप्ता सतवाडा देवता जी की महीमा का गुणगान करगे। जबकि मंगलवार 16 जुलाई को मंदिर कमेटी और भक्तजनों के सहयोग से विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
इस धार्मिक कार्यक्रम मे भारी संख्या में भाग लेते हैं श्रधालु
इस धार्मिक आयोजन के लिए मंदिर कमेटी ने तैयारियां पूरी हो गई है। मंदिर कमेटी के प्रधान भूप सिंह ठाकुर ने जानकरी देते हुए बताया की इस धार्मिक कार्यक्रम मे भारी संख्या में दूर दूर से श्रधालु भाग लेते हैं। उन्होंने आग्रह किया कि देवता जी का आशिर्वाद प्राप्त कर पुण्य के भागीदार बने।
देव पूरी करते है श्रद्धालुओं की मन्नते
सुंदरनगर उपमंडल का मलोह पंचायत स्थित नालनी गांव में प्रसिद्ध श्री सत वाडा देव श्रद्धालुओं की मन्नते पूरी करते है। देव फेरी पर रवाना हो कर तथा अप्रैल में मनाए जाने वाले सुंदरनगर में राज्य स्तरीय देवता मेले में शामिल होकर श्रद्धालुओं को दर्शन देते और मन्नते पूरी करते हैं।
स्वयं भू पिंडी रियासत कालीन मंदिर में है मौजूद
नालनी स्थित नवनिर्मित बेहड़े में श्री सतबाड़ा देव के रथ कोठी में विराजमान रहते है। जबकि स्वयं भू पिंडी रियासत कालीन बेहड़ा मंदिर में मौजूद है। देव मंदिर के कपाट खुलने से विधिवत पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ प्रवेश होने लगी है। मंदिर कमेटी के सदस्य सुरेश शर्मा ने कहा कि देव श्रद्धालुओं की मन्नते पूरी करते है। उन्होंने कहा कि देव भव्य कार्यक्रम के दौरान नए रथ पर विराजमान होंगे।
-जब देवता ने बहा दी थी दूध की गंगा
ग्रामीणों से देव से परीक्षा के प्रमाण देने की भी मांग कर दी। कहते है कि उसी समय एक शक्ति के रूप से देवता ने वाक्य दिया कि यहां साथ में बने सरोवर में जा कर देखो वहां दूध की गंगा बहती हुई मिलेगी। ग्रामीणों ने सरावोर में पहुंचने पर पाया कि सरोवर से दूध निकल कर बह रहा था। जो काफी अरसे तक ऐसे ही बहता रहा है। आज भी उस सरोवर में दूध निकलते यथावत प्राप्त होता है।
-काली गाय बाड़ पर दूध देने का है रहस्य
पड़ोस के गांव से एक काली गाय का घास चरने पर शाम को जाते समय भेखल के पेड़ (बाड़) उसके ऊपर खड़ी हो कर स्वतः ही वहां दूध निकालने का रहस्य रहा था। मान्यता है कि पिंडी पर गाय दूध दे जाती और जब गाय के मालिक को दूध नहीं मिलता। तो वह परेशान रहने लगा। एक दिन गाय का पीछा करने का मन बना लिया। रोचक पहलु है कि जब मालिक इस स्थिति से परीचित हुआ, तो गांव में चर्चा हुई। जिस पर ग्रामीणों ने मिल कर मामला गहराई से समझने के प्रयास किया गया, तो दंग रह गए कि जहां गाय दूध दे रही है, वहीं भेखल के पेड़ के नीचे एक पिंडी विराजमान है।
ग्रामीण पिंडी के दर्शन कर हुए निहाल
ग्रामीण पिंडी के दर्शन कर निहाल हुए। ग्रामीणों के के प्रार्थना पर कि अगर तो आप कोई महान शक्ति हो तो परिचय कराएं। इस घटना के उपरांत तुरंत एक शख्स के शरीर में शक्ति का प्रवेश हुआ और बाड़ा देव का परिचय दिया है।
राजा ने प्रयाश्चित स्वरूप भेंट किए थे नगाढ़े
-सरोवर के ऊपरी हिस्से में एक तुनी का पेड़ को जब राजा ने उसे काटने के लिए निर्देश किए। तो पेड़ पर कुल्हाड़ी रखते ही देव गुर (मडेलू) ने उस पेड़ को काटने का विरोध किया। उसके साथ ही स्वयं राजमहल में आकर राजा को घटना क्रम से परिचय कराते हुए जानकारी पेश की।
राजा ने भी स्वयं अपनी गलती पर क्षमा मांगते हुए प्रयाश्चित करने के लिए स्वयं मंदिर में आकर राजा ने दो नगाढ़े भेंट किए है। जो आज भी मंदिर में बतौर प्राचीन धरोहर तथा इतिहास से परिचय करवाने के लिए मौजूद हैं।
यह भी पढ़ें :-
- Youth Dead :चलाह जंगल की आग बुझाते गंभीर घायल युवक की मौत
- Blood Camp: 55 रोगियों की जांच कर निशुल्क दवाईयां वितरित की और एकत्र किया 41 यूनिट रक्त
1 thought on “Devta-Darshan:नालनी में सतबाडा देव के प्रकाटोत्सव पर जारगरण आज : 16 को भंडारा”