PANCHAYAT PROPERTIES ON LEASE: पंचायतों की दोबारा होगी लीज पर दी संपति की नीलामी
- पंचायतों की मनमानी पर कसी लगाम
- संपत्तियों की लीज होगी खत्म दोबारा होगी नीलामी
- PANCHAYAT PROPERTIES ON LEASE
- पंचायत संपत्तियों को पांच साल के लिए ही होगी लीज
- पंचायतों की आय मार्केट रेट के आधार पर बढ़ती रहे
Himachaltoday.in
शिमला: हिमाचल में अब सरकार ने पंचायतों की मनमानी पर लगाम कस दी है. पंचायतों में किराए पर दी जाने वाली संपत्तियों के गड़बड़ की आशंका को रोकने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं, ताकि पंचायत की संपत्तियों को किराए पर देने में हो रहे भाई भतीजावाद की प्रथा की आशंका की खत्म किया जा सके और पंचायतें अपनी संपत्तियों को मार्केट रेट पर किराए पर देकर आर्थिक रूप से संपन्न हो सके. इसके लिए अब पंचायतों की संपत्तियों को पांच साल के लिए ही किराए या लीज पर दिया जाएगा, जिससे पंचायतों की आय आने वाले समय में मार्केट रेट के आधार पर बढ़ती रहे. इस बारे में पंचायतीराज विभाग ने जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं.
PANCHAYAT PROPERTIES ON LEASE: नई दरों से वसूला जाएगा किराया
प्रदेश में पंचायतों ने 30 से 40 वर्ष पहले किराए पर दुकानें दे रखी हैं, जिसका किराए अभी तक नहीं बढ़ाया गया है. ऐसी संपत्तियों का अब मार्केट वैल्यू के हिसाब से किराया वसूला जाएगा, ताकि पिछले कई सालों से किराया न वसूले जाने से होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके और भविष्य में इन संपत्तियों से पंचायतों की आय में बढ़ोतरी हो सके. इस बारे में
सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी किए गए हैं. वहीं, प्रदेश में बहुत सी पंचायतों ने आय बढ़ाने के लिए व्यावसायिक परिसरों का निर्माण किया है. इन व्यावसायिक परिसरों में किराए पर दी गई दुकानों का अब पूरा रिकॉर्ड खंगाल जाएगा. बता दें कि शिमला, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में पंचायतों की दुकानों को 50 से लेकर 300 रुपये किराये पर दिए जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
PANCHAYAT PROPERTIES ON LEASE: तीन स्तरीय निगरानी समिति करेगी जांच
सरकार ने इन मामलों की तीन स्तरीय निगरानी समिति से जांच करने के लिए कहा है, जिसके लिए जिला स्तर पर डीसी की अध्यक्षता में समिति होगी, जिसमें जिला पंचायत अधिकारी को सदस्य सचिव और जिला परिषद सदस्य और कार्यकारी अभियंता सदस्य बनाया गया है. इसी तरह से खंडस्तरीय समिति में एसडीएम को अध्यक्ष, पंचायत निरीक्षक सदस्य सचिव और पंचायत समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पंचायत समिति सदस्य इसके सदस्य होंगे. वहीं, पंचायत स्तरीय समिति में बीडीओ अध्यक्ष, पंचायत सचिव सदस्य सचिव और पंचायत प्रधान व पंचायत निरीक्षक सदस्य होंगे. पंचायतों की ओर से किराए पर दी गई समितियों की जांच करेंगे.
PANCHAYAT PROPERTIES ON LEASE: बिना बोली किराए दी संपत्तियां
हिमाचल में बिना बोली लगाए और विभाग या प्रशासन से मंजूरी लिए बिना ही पंचायतों की संपत्तियां कौड़ियों के भाव लीज पर किराये पर दे दी गईं हैं. इस बारे में अब शिकायतें मिलने पर सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों को तीन महीने में सभी 3,615 पंचायतों में किराये पर दी गईं संपत्तियां जांचने के आदेश दिए हैं. इन संपत्तियों को पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 112 का उल्लंघन कर व्यावसायिक परिसर, भवन और अन्य संपत्तियां किराये पर दी गई हैं. ऐसे में बोली न लगने से पंचायत की संपत्तियो को सस्ते रेट पर दिए जाने से सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ, जिसको देखते हुए सरकार ने सभी डीसी को पिछले पांच वर्षों में किराये पर दी संपत्तियों की समीक्षा कर नियमों के खिलाफ दी लीज रद्द करने और दोबारा नीलामी करने के निर्देश दिए हैं. लीज अवधि 5 वर्ष तय करने को कहा है.
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने दिए निर्देश
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह का कहना है कि, ‘पंचायतों को पांच वर्ष के लिए दुकानें और संपत्तियां किराये पर देने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अलावा पहले से लीज पर दी गई संपत्तियों की जांच कर दोबारा से नीलामी करने को कहा है, ताकि पंचायतों की आय में बढ़ोतरी हो सके.
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