Himachal Techanical University-हिमाचल तकनीकी विवि ने पुनर्मूल्यांकन का शुल्क किए 500 से 1000 पुनर्निरीक्षण के 100 से 500
- Himachal Techanical University-हिमाचल तकनीकी विवि ने पुनर्मूल्यांकन का शुल्क किए 500 से 1000
- पुनर्निरीक्षण के 100 से 500
- देना पड़ेगा तकरीबन दोगुना से अधिक शुल्क
- यह तय किए गए है वसूल किए जाने वाले नए शुल्क
- क्या कहते है तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति
- दोगुना से अधिक की फीस वृद्धि को वापिस ले तकनीकी विश्वविद्यालय: एनएसयूआई
Himachaltoday.in
हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने विद्यार्थियों को तगडा झटका दिया है। विवि ने लिए जाने वाले शुल्क में 11 साल बाद रिवीजन करके कमाई के रास्ते खोल दिए। प्रदेश की कमजोर आर्थिक स्थिति की नईया पार लगाने की जुगाड लगा लिया है। लेकिन भूल गए की प्रदेश के युवा जो तकनीकी शिक्षा में भविष्य तलाश रहे है, उनकी आर्थिकी डूबों रहे है।
देना पड़ेगा तकरीबन दोगुना से अधिक शुल्क
नए फरमान में उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन और पुनर्निरीक्षण की वसूल किए जाने वाले शुल्क को बढ़ा दिया। अब विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन और पुनर्निरीक्षण के लिए पहले से तकरीबन दोगुना से अधिक शुल्क देना पड़ेगा। विश्वविद्यालय की ओर से इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक बी.टेक, बीएचएमसीटी, बीएससी एचएमसीटी, बीबीए, बीसीए, एमबीए, एमसीए सहित अन्य कोर्स के विद्यार्थी जो पुनर्मूल्यांकन, पुनर्निरीक्षण करवाना चाहते होंगे। उनको दस अप्रैल तक उत्तर पुस्तिकाओं की फोटो कॉपी लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
यह तय किए गए है वसूल किए जाने वाले नए शुल्क
एक उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन के लिए एक हजार रुपये शुल्क वसूल किए जाएंगे। जबकि पहले यह शुल्क 500 रुपये थे। इसके अलावा एक उत्तर पुस्तिका की पुनर्निरीक्षण शुल्क 500 रुपये देनें होंगे। यह शुल्क पहले 100 रुपये लगती थी। वहीं उत्तर पुस्तिका की फोटो कॉपी प्राप्त करने के लिए अब 1,500 रुपये देने होंगे जो कि पहले 1,000 रुपये थे।
क्या कहते है तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति
तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशि कुमार धीमान ने कहा कि 11 साल बाद शुल्क रिवीजन हुआ है। इससे पहले शुल्क रिवीजन 2014 में हुआ था। उन्होंने कहा कि शुल्क को कम करने के लिए मांग पत्र मिला है। शुल्क को कुछ कम करने का प्रयास किया जाएगा। प्रशासन की ओर से विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखा जाता है।