Lab-Diploma: सिरडा पॉलिटेक्निक कॉलेज को मिली मंजूरी अब हिमाचल में भी होगा लैब टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा
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Sirda-Naulkha-Mandi-H.P. |
Homachal Today News: लैब टेक्नोलॉजी में करियर बनाने का अब हिमाचल प्रदेश में भी सुनहरा अवसर युवाओं को मिलने जा रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नई दिल्ली और हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड धर्मशाला से डिप्लोमा इन मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नोलॉजी (डीएमएलटी) कोर्स को अप्रूव किया गया है। जिसके लिए हिमाचल प्रदेश के एकमात्र सिरडा पॉलिटेक्निक कॉलेज नौलखा जिला मंडी को यह मान्यता प्रदान की गई है। इस सत्र 2024 25 में मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी कोर्स में डिप्लोमा शुरू किया गया है। 3 वर्ष का यह कोर्स करवाया जाएगा। जिसमें मैट्रिक में 50% अंक अर्जित करने वाले युवा इसमें प्रवेश पा सकते हैं। प्रथम चरण में 60 सीट आवंटित की गई है।
डिप्लोमा इन मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नोलॉजी कोर्स हुआ अप्रूव
संस्थान के एमडी इंजीनियर एनआर चौधरी ने बताया कि यह कोर्स अक्सर उन छात्रों द्वारा किया जाता है। जो मेडिकल तकनीशियन या लैब में काम करने की इच्छा रखते है। यह कोर्स छात्रों को हेल्थकेयर सिस्टम के बारे में विस्तार से सिखाता है। जिसमें विभिन्न बीमारियों का पता लगाने के लिए खून, यूरिन की जांच करना आदि शामिल है। डीएमएलटी पूरी दुनिया में हेल्थकेयर सेक्टर में सब से तेजी से बढ़ने वाला प्रोफेशन है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और तकनीकी शिक्षा बोर्ड से मिली मान्यता।
डीएमएलटी कोर्स करने वाले युवाओं के लिए भविष्य में बहुत से अवसर मिलने वाले है। दुनिया की अधिकतम बीमारियों को जांचने के लिए लेबोरेटरी में प्रयोग किए जाते हैं। इसलिए अगर आप एक चुनौतीपूर्ण करियर की तलाश कर रहे है तो डीएमएलटी आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। डीएमएलटी कोर्स पूरा करने के बाद अच्छे पैकेज पर नौकरी मिलती है। इसके साथ ही आप खुद का व्यापार भी शुरू कर सकते है।
हेल्थकेयर सेक्टर में सब से तेजी से बढ़ने वाला प्रोफेशन
डीएमएलटी कोर्स में नौकरी के अवसर मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी (डीएमएलटी) में डिप्लोमा करने से कई तरह के रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। जिनमें मेडिकल लेबोरेटरी तकनीशियन, पैथोलॉजी तकनीशियन और ब्लड बैंक तकनीशियन शामिल हैं। डीएमएलटी स्नातक अस्पतालों, क्लीनिकों, डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाओं, निजी प्रयोगशालाओं, सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठनों और दवा कंपनियों में काम कर सकते हैं। वे बीएमएलटी, बीएससी एमएलटी, रेडियोलॉजी, क्लिनिकल रिसर्च, इम्यूनोलॉजी, फिजिशियन असिस्टेंट, मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन, क्लिनिकल डेटा मैनेजमेंट, परफ्यूजन टेक्नोलॉजी, हेल्थ इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन और ब्लड बैंक टेक्नोलॉजी जैसे अन्य विकल्प भी अपना सकते हैं।
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